यदि वह मानसिक रूप अस्वस्थ हो तथा सक्षम न्यायालय द्वारा उसे अक्षम घोषित कर दिया गया हो; तथा
अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत यातना देने पर प्रतिबंध है। हर व्यक्ति यातना न check here सहने से स्वतंत्र है।
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राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के वेतन एवं भत्तों का निर्धारण : राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के वेतन एवं भत्तों एवं अन्य सेवा शर्तों का निर्धारण राज्य सरकार ही करती है । लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान इसमें किसी प्रकार का अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता – जैसे वेतन या सुविधा में कमी अथवा कार्यकाल की सीमा में कमी इत्यादि ।
समाचारों में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
मानव अधिकार मूल रूप से वे अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को इंसान होने के कारण मिलते हैं। ये नगरपालिका से लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून तक कानूनी अधिकार के रूप में संरक्षित हैं। मानवाधिकार सार्वभौमिक हैं इसलिए ये हर जगह और हर समय लागू होते हैं। मानवाधिकार मानदंडों का एक समूह है जो मानव व्यवहार के कुछ मानकों को चित्रित करता है। नगर निगम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून में कानूनी अधिकारों के रूप में संरक्षित, इन अधिकारों को अनौपचारिक मौलिक अधिकारों के रूप में जाना जाता है जिसका एक व्यक्ति सिर्फ इसलिए हकदार है क्योंकि वह एक इंसान है।
मानव अधिकारों का मूल उद्देश्य मानव की गरिमा को सुरक्षा प्रदान करना है। अधिकारों की विचारधारा पर मूल सहमति है कि हर देश एवं क्षेत्र के निवासी को एक गरिमामय जीवन जीने को मिले तथा उसके मूल जीवन जीने के अधिकारों को सुरक्षा प्राप्त हो।
करेंट अफेयर्स डेली न्यूज़, एडिटोरियल और प्रिलिम्स फैक्ट
श्री न्याय मूर्ति गोविन्द प्रसाद माथुर
डेली न्यूज़, एडिटोरियल और प्रिलिम्स फैक्ट
मानवाधिकार मुद्दों पर ऑनलाइन प्रशिक्षण
गोपनीयता, परिवार, गृह और पत्राचार में हस्तक्षेप से स्वतंत्रता
ये संस्थाएं क्रमशः अल्पसंख्यकों, महिलाओं, दलितों के अधिकारों तथा मानवाधिकारों की रक्षा करती हैं.